गुलाब का फूल देकर मोहब्बत का इजहार, किताब के अंदर सूखा गुलाब देखकर पुराने इश्क की याद...कुछ ऐसी ही गुलाब की कहानी। सदियों पुराना है इसका प्रेम से रिश्ता।
1230 में जीन रेनार्ट ने एक फ्रेंच कविता लिखी थी 'ले रोमन डी ला रोज़'। इस कविता में गुलाब शब्द का इस्तेमाल फीमेल सेक्शुएलिटी के सिंबल के तौर पर किया गया था।
कविता के मुताबिक एक शख्स रेड गुलाब की तलाश में निकलता है और उसे खोजने के दौरान उसे अपनी प्रेमिका मिल जाती है। रेनार्ट ने यह कविता अपनी लवर का मन मोहने के लिए लिखी थी।
13वीं सदी में भी प्रेम के इज़हार के लिए लाल गुलाब को ही प्रतीक के रूप में पेश किया गया। कई कवि और शायरों ने गुलाब को मोहब्बत से जोड़कर रचनाएं लिखी हैं।
कहते हैं कि हमारे शुरुआती पूर्वजों के पृथ्वी पर आबाद होने से पहले ही गुलाब धरती पर खिल रहे थे। यूनान की पौराणिक कथाओं की मानें तो गुलाब का संबंध प्यार की देवी एफ्रोडाइटी से है।
कहा जाता है कि देवी एफ्रोडाइटी पानी के बुलबुलों पर सवार हो कर समुद्र से निकली थीं। उनके निकलने के बाद पानी के वे बुलबुले सफेद गुलाब में बदल गए।
ग्रीक गॉडेस एफ्रोडाइट को प्रेम, सौंदर्य और सेक्शुएलिटी का प्रतीक माना जाता है। गुलाब के उगने की कहानी उनसे जुड़ी है इसलिए इसे प्यार और कामनाओं का सिंबल माना जाने लगा।
एफ्रोडाइटी का बेटे क्यूपिड ने शांति के देवता हरपोक्रेट्स को एक गुलाब का फूल उपहार में देते हुए विनती की थी कि वह एफ्रोडाइटी के प्रेम संबंधों के बारे में किसी से कुछ न कहें।
ग्रीक पौराणिक कथा में यह कहा जाता है कि गुलाब एफ्रोडाइटी के आंसुओं और उसके प्रेमी एडोनिस के खून से जमीन से उगीं। रोमन, जिन्होंने एफ़्रोडाइट को अपनी देवी वीनस में बदल दिया।
एक बार प्रेम की देवी वीनस ने अमृत पीने की इच्छा व्यक्त की। क्यूपिड बेहद संघर्ष के बाद उनके लिए अमृत ले आया। इस दौरान उसकी कुछ बूंदे धरती पर गिरी और वो गुलाब का फूल बन गया।
कहा जाता है कि वही गुलाब क्यूपिड का हथियार बना। यूनानी और रोमन सभ्यता में क्यूपिड को वही दर्जा हासिल है, जो भारतीय पौराणिक कथाओं में कामदेव को।
लाल गुलाब को सूली पर चढ़ाने या सेंट वैलेंटाइन जैसे ईसाई शहीदों का प्रतीक माना जाता है।जिन्हें तीसरी सदी में रोम के लोगों ने सूली पर चढ़ा दिया था।लाल गुलाब का नाता दर्द से जुड़ा है।