हिंदू धर्म में महिलाओं को शादी के बाद सिंदूर लगाना जरूरी होता है। शादी के दौरान पति उसकी मांग भरता है और तब से लाल रंग का साथ उससे जुड़ जाता है।
सिंदूर लगाना शादी का प्रतीक है। बालों के बीच में इसे हिंदू महिलाएं लगाती हैं। सिंदूर का निशान बताता है कि महिला शादीशुदा है और उसका यह गहना है।
सिंदूर लगाना एक महिला की अपने पति के प्रति प्रेम और कमिटमेंट को दिखाता है। हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि यह पति के लिए सौभाग्य लाता है और उसकी लंबी उम्र सुनिश्चित करता है।
सिंदूर को शुभ और सुरक्षात्मक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह बुरी आत्माओं को दूर रखता है और पति-पत्नी को नुकसान से बचाता है।
सिंदूर का लाल रंग फर्टिलिटी और प्रोस्पेरिटी यानी समृद्धि से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि इससे दंपति को संतान का आशीर्वाद मिलता है और एक सुखी वैवाहिक जीवन होता है।
सिंदूर लगाने की प्रथा हिंदू संस्कृति और धर्म में गहराई से निहित है। इसे हिंदू विवाह अनुष्ठान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। पार्वती मां से भी इसे जोड़कर देखा जाता है।
कई विवाहित महिलाएं सिंदूर को अपनी पहचान का एक जरूरी हिस्सा मानती हैं। इसे अपनी संस्कृति, परंपरा और विवाह के सम्मान के प्रतीक के रूप में देखती हैं।