हिन्दू धर्म में तिलक लगाने का महत्व शास्त्रों में बताया गया है। माना जाता है कि बिना तिलक लगाए कोई भी पूजा व अनुष्ठान पूर्ण नहीं होते हैं। लेकिन तिलक माथे पर ही क्यों लगाते हैं?
कहा जाता है कि माथे पर तिलक लगाने से ही सबसे ज्यादा फायदा मिलता है। इससे मस्तिष्क को ठंडक मिलती है और व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है।
धार्मिक दृष्टिकोण के साथ तिलक लगाने के वैज्ञानिक फायदे भी हैं। तिलक का प्रयोग करने से मस्तिष्क की तंत्रिकाएं शांत मुद्रा में रहती हैं और इससे सिरदर्द जैसी समस्या भी दूर रहती है।
साथ माना यह भी जाता है कि बुखार में चंदन का तिलक लगाने से व्यक्ति को लाभ मिलता है और इससे शरीर का तापमान कम रहता है।
कहा जाता है कि माथे पर तिलक लगाने से व्यक्ति का आत्मविश्वास भी बढ़ता है और वह अपने फैसले बहुत मजबूती से लेता है।
तिलक को हमेशा अनामिका यानि छोटी उंगली के बगल वाली उंगली से लगाना चाहिए। तिलक लगाते समय व्यक्ति को अंगूठे का प्रयोग करना चाहिए। यही सही विधि है।
माथे पर तिलक लगाते समय सिर पर कोई कपड़ा या फिर अपना हाथ सिर पर रखा जाता है। इतना ही नहीं तिलक पूर्व दिशा की ओर खड़ा करके लगाना चाहिए।
कुल मिलाकर देखा जाए तो तिलक लगाने से व्यक्ति की एकाग्रता शक्ति बढ़ती है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसीलिए माथे पर तिलक लगाया जाता है।