पिंक को सॉफ्ट फायर कहा गया है, यानी इमोशन के साथ गुस्सा। जैस लाल रंग उग्रता और गुस्से को संदर्भित करता है, वैसे ही गुलाबी रंग लाल का अंश है, इसलिए इसका भी संबंध गुस्सा से है।
एक्पर्ट पंकित गोयल के अनुसार ज्यादा गुलाबी रंग के इस्तेमाल से बड़ा झगड़ा तो नहीं, लेकिन हल्का फुल्का नोक झोंक और कहासुनी होते रहती है। गुलाबी रंग छोटे झगड़ेऔर गुस्से का कारण है।
गुलाबी रंग अत्यधिक भावुकता और संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है। लोग छोटी-छोटी बातों पर आहत हो सकते हैं। रिश्तों में अनावश्यक तनाव और भावनात्मक खींचतान का कारण बन सकता है।
गुलाबी रंग में अग्नि तत्व की ऊर्जा होती है। रसोई या दक्षिण-पूर्व दिशा में गुलाबी रंग का उपयोग अग्नि तत्व को असंतुलित करता है। जिससे गुस्सा, विवाद, और झगड़े की संभावना बढ़ जाती है।
गुलाबी रंग अक्सर कल्पना और आदर्शवाद का प्रतीक होता है। इस रंग के अधिक उपयोग से लोग अवास्तविक उम्मीदें पाल सकते हैं। यह व्यवहारिक जीवन में असंतोष और निराशा को जन्म दे सकता है।
गुलाबी रंग की अधिक उपयोग से स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इससे बेचैनी, तनाव, और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बेडरूम में गुलाबी रंग नींद में बाधा डाल सकता है।
गुलाबी रंग का उपयोग सीमित मात्रा में और केवल सजावटी सामान में करें। इसे उन स्थानों पर न लगाएं जो घर या ऑफिस की महत्वपूर्ण दिशाओं (जैसे दक्षिण-पूर्व, उत्तर) में आते हैं।