जरी एक तरह की कढ़ाई है जिसमें धातु के धागे ज्यादातर सोने या चांदी का इस्तेमाल होता है। वहीं जरदोजी का अर्थ है सोने के साथ कढ़ाई। जो भारी कढ़ाई करने की एक शाही शैली है।
जरी में पतले सोने, चांदी या तांबे के धागों का उपयोग होता है, जिनसे कपड़े पर कढ़ाई करते हैं। जरदोजी में धातु के धागों के साथ मोती, पत्थर, सीक्विन और सजावटी वस्तुओं का उपयोग करते है।
जरी में धातु के धागे को कपड़े पर सीधे कढ़ाई कर छोटे-छोटे डिजाइन बनाए जाते हैं। वहीं जरदोजी में धातु के धागे को कपड़े पर सिलने के बजाय मोतियों, पत्थरों और तारों के साथ जड़ा जाता है।
जरी कढ़ाई में ज्यादातर फूल, बेल-बूटे और ज्यामितीय पैटर्न बनाए जाते हैं। वहीं जरदोजी में भारी फूलों, पक्षियों, पत्तों और शाही आकृतियों का उपयोग होता है, जो डिटेल और रॉयल होती हैं।
जरी की कढ़ाई पतली और हल्की होती है, जिससे कपड़े पर नाजुक पैटर्न बनता है। जरदोजी की कढ़ाई मोटी और भारी होती है, जिससे कपड़े पर उभरी हुई आकृतियां बनती हैं।
चूंकि जरी कढ़ाई पतली धातु के धागों का उपयोग करती है, इसलिए इसे हल्का माना जाता है। जरदोजी में पत्थर, मोती और मोटी धातु के धागे इस्तेमाल होते हैं, इसलिए यह भारी होती है।
जरी कढ़ाई करने में जरदोजी की तुलना में कम समय और मेहनत लगती है, क्योंकि यह हल्की और सरल होती है। जरदोजी कढ़ाई में बहुत ज्यादा समय और मेहनत लगती है, इसलिए ये महंगी होती है।
जरी का उपयोग साड़ियों, सलवार कमीज, लहंगे, दुपट्टे और सूक्ष्म डिजाइन वाले आउटफिट पर किया जाता है। वहीं जरदोजी का उपयोग शाही और दुल्हन के के लहंगों पर किया जाता है।