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मॉर्डन रिलेशनशिप पर सद्गगुरु के 10 कोट्स, रखें याद

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प्यार आपके जीवन को बदल देता है

चाहे भगवान या कोई और आपसे प्यार करे, इससे आपको कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर आप प्यार करते हैं, तो यह आपके जीवन को बहुत ही मधुर बना देता है।

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प्यार आपके जीवन का केंद्र है

अगर आपके दिल में प्यार है, तो यह आपके जीवन में आपका मार्गदर्शन करेगा। प्यार की अपनी बुद्धि होती है।

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लोगों को वैसे ही स्वीकार करों

ज्यादातर लोगों के लिए प्यार का मतलब है,' तुम्हें वहीं करना चाहिए जो मैं चाहता हूं। नहीं, प्यार का मतलब है, वे जो चाहें कर सकते हैं, और फिर भी हम उनसे प्यार करते हैं।'

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लाइफ में कमिटमेंट

सद्गुरु कहते हैंक कि अपने विचारों और भावनाओं में संतुलन लाने का सबसे आसान तरीका किसी चीज़ के प्रति अटूट कमिटमेंट।

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ग्रिटीट्यूड नेचर रखना

ग्रिटीट्यूड यानी कृतज्ञता कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसे आपको व्यक्त करना है। अगर आप अपने जीवन में योगदान देने वाली सभी चीज़ों के लिए आभार से भरे हैं, तो यह आपके अस्तित्व को पिघला देगा।

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अपने सच्चे स्व होने के बारे में

 सद्गुरु कहते हैं कि सच्ची करुणा देने या लेने के बारे में नहीं है। सच्ची करुणा बस वही करना है जो ज़रूरी है।

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प्रयासों के माध्यम से प्रेम को जीवित रखने पर

प्रेम के लिए कोई बीमा नहीं है। इसे जीवित रखने के लिए जागरूकता की आवश्यकता होती है।

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लोगों को वैसे ही प्यार करने पर जैसे वे हैं

"यदि आप चाहते हैं कि हर कोई आपसे प्यार करे, तो पहली बात यह है कि आपको उन सभी से प्यार करना चाहिए।"

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प्रेम एक क्रिया है

"केवल वे लोग जो प्रेम से वंचित हैं, वे कल्पना करते हैं कि ईश्वर प्रेम है। प्रेम एक मानवीय भावना है।"

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सभी के प्रति दयालु और प्रेमपूर्ण होने पर

'अपने प्रेम को बढ़ाएं! जब आप पूरे ब्रह्मांड से प्यार कर सकते हैं, तो केवल एक व्यक्ति से ही प्यार क्यों करें।'

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