5 साल की उम्र से पहले बच्चों को थैक्यू और प्लीज करना सिखाएं। बड़ों को सम्मान और दूसरों से प्यार से पेश आने की आदत डालें। किसी से बातचीत में विनम्रता को प्रॉयरिटी दें।
बच्चों को खिलौने, किताबें और चीज़ें शेयर करना सिखाएं। हेल्प करना और मिलकर खेलने की भावना बच्चों में विकसित करें। दोस्तों के साथ मिलकर चीजों को एन्जॉय करना सिखाएं।
सोने, उठने, खाने और खेलने के लिए समय का महत्व बताएं। रूटीन फॉलो करने से बच्चे का अनुशासन और समय को मैनेज करने के बारे में बताएं और सिखाएं।
बच्चों को उनके भावों को समझना और व्यक्त करना सिखाएं ।उन्हें यह बताना भी ज़रूरी है कि रोना या किसी बात पर नाराज़ होना स्वाभाविक है, लेकिन उसे सही तरीके से व्यक्त करना चाहिए।
गलती होने पर सॉरी कहने की आदत डालें। बच्चे को यह सिखाएं कि गलतियों से डरने की बजाय उनसे सीखना ज़रूरी है।
पौधों, जानवरों और पर्यावरण का ख्याल रखना सिखाएं। बच्चे को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने से वह ज़िम्मेदार नागरिक बनेगा।
बच्चों को छोटे-छोटे काम खुद से करना सिखाएं, जैसे जूते पहनना या खिलौने समेटना। आत्मनिर्भरता से उनमें आत्मविश्वास पैदा होता है।
बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में समझाएं। उनका आत्मरक्षा कौशल विकसित करें और सिखाएं कि किसी परेशानी में तुरंत माता-पिता या शिक्षक से मदद मांगें।