बच्चों में तनाव का सबसे आम संकेत है उनके गुस्से का बढ़ जाना। वे छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़े हो सकते हैं या अचानक से अलग तरीके से व्यवहार कर सकते हैं।
तनावग्रस्त बच्चे अक्सर सोने में परेशानी का सामना करते हैं। वे अपने विचारों में खोए रहते हैं और उन्हें बुरे सपने आने लगते हैं।
तनाव के कारण बच्चे लोगों से दूर रहने लगते हैं। वे अकेले रहना पसंद करते हैं और सोशल एक्टिविटी में हिस्सा लेने से कतराते हैं।
तनाव के कारण बच्चों को बार-बार सिरदर्द या पेटदर्द की शिकायत हो सकती है। यह समस्या तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल के बढ़ने से होती है।
अगर बच्चा स्कूल में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा या अचानक से पढ़ाई में रुचि खो रहा है, तो यह तनाव का संकेत हो सकता है। स्कूल में फोकस ना करना या ग्रेड्स में गिरावट इसका संकेत है।
तनावग्रस्त बच्चे अक्सर जिद्दी और जिद्द करने वाले हो जाते हैं। वे छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाते हैं और परिस्थितियों से बचने की कोशिश करते हैं।
बढ़ती उम्र के बच्चों में अगर ये लक्षण नजर आते हैं तो उनसे बातचीत करें और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करें।उनके साथ समय बिताएं और उन्हें समझाएं कि आप उनके साथ हैं।