लड़कियां अब अपनी करियर को प्राथमिकता देने लगी हैं। वो निजी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं। एजुकेशन और करियर की वजह से वो शादी से इंकार कर रही हैं।
महिलाएं जॉब करके खुद को आर्थिक रूप से मजबूत कर रही हैं। ऐसे में उन्हें लगता है कि वो किसी और पर क्यों निर्भर हो। वो अपना ध्यान अकेले रख सकती हैं।
तलाक की हाई रेट ने कुछ लड़कियों को शादी में बंधने को लेकर सतर्क कर दिया है। क्योंकि वे रिश्ते के टूटने की संभावना और इसके कानूनी और भावनात्मक प्रभावों के बारे में चिंतित हैं।
जो लड़कियां सिंगल रहते हुए संतुष्ट होती हैं वो शादी की जरूरत महसूस नहीं करती हैं।
कुछ लड़कियां ओपन रिलेशनशिप में विश्वास रखने लगी हैं। वो शादी जैसे बंधन में नहीं बंधना चाहती हैं। वो स्वतंत्रता और फ्लैसिबल लाइफ का आनंद लेना चाहती हैं।
पिछले रिलेशनशिप में बुरे अनुभव या फिर परिवार-रिश्तेदार में कपल के बीच झगड़े को देखते हुए लड़कियां शादी से दूर भागती हैं।
अब लड़कियां अपने आप को ज्यादा तव्वजों दे रही हैं। उनके अंदर समाज क्या कहेगा वाला डर खत्म होने लगा है। इसलिए वो शादी जैसे बंधनों से दूर रहना पसंद कर रही हैं।