Relationships

1 इंजेक्शन 13 साल का इलाज, अनचाही प्रेग्नेंसी से छुटकारा

Image credits: pexels

गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल

1960 के दशक में बर्थ कंट्रोल पिल्स, कॉपर-टी व गोलियों का भी चलन हुआ। हजारों साल पहले मिस्र में मगरमच्छ के मल से लेकर आधुनिक यूरोप-अमेरिका में गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल हुआ।

Image credits: pexels

पुरुषों में नसबंदी

गर्भनिरोध के लिए सारे उपाय महिलाओं को ही करने पड़ते थे। पुरुष हमेशा से गर्भनिरोधक के झमेले से दूर रहे। वो नसबंदी को नपुंसकता तो कंडोम में यौन सुख कम करने वाली रुकावट मानते रहे।

Image credits: pexels

गर्भनिरोधक की प्रथा

आधुनिक युग में गर्भनिरोधक का सारा बोझ महिलाओं पर डालते वाली सोच पर सवाल उठना भी लाजिमी हो जाता है। गर्भनिरोधक के क्षेत्र में 4 हजार साल की प्रथा अब बदलने वाली है।

Image credits: pexels

गर्भनिरोधक इंजेक्शन

ICMR ने पुरुषों के लिए इस गर्भनिरोधक इंजेक्शन को मंजूरी दी है। यह इंजेक्शन 99% तक सफल बताया जा रहा है। इसके साइड इफेक्ट भी नहीं होता है।

Image credits: pexels

13 सालों तक रुकेगी प्रेग्नेंसी

7 सालों तक 303 शादीशुदा पुरुषों पर रिसर्च की। इन पुरुषों को रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म इंजेक्शन लगाया गया। रिसर्च में इंजेक्शन 13 सालों तक प्रेग्नेंसी रोकने में 99% कारगर है।

Image credits: pexels

प्रेग्नेंसी का खतरा सबसे कम

यह इंजेक्शन महिलाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले किसी भी गर्भनिरोधक से ज्यादा कारगर है, यानी इसमें अनचाही प्रेग्नेंसी का खतरा सबसे कम है, 1% से भी कम।

Image credits: pexels

नसबंदी का आंकड़ा

भारत में अपनाए जाने वाले परिवार नियोजन के सभी तरीकों में 35.7 प्रतिशत हिस्सेदारी महिला नसबंदी की है। जबकि पुरुष नसबंदी का आंकड़ा महज 0.3 प्रतिशत है।

Image credits: pexels