19 अगस्त को हरियाली तीज का व्रत आने वाला है। सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए तीज का व्रत रखेंगी। वहीं कुंवारी महिलाएं अच्छा वर पाने के लिए व्रत रखती हैं।
हरियाली तीज पर बहू अपनी सास को बायना (प्रसाद) जरूर देती हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। बिना इसके व्रत अधूरा माना जाता है।
बहू व्रत के बाद सास को बायना देकर आशीर्वाद लेती है। अगर सास नहीं है तो वो बड़ी ननद को देकर आशीर्वाद लेती है।
प्राचीन काल से चली आ रही इस परंपरा को लेकर कहा जाता है कि इससे सास और बहू के बीच मधुर संबंध बनते हैं। संबंधों में मिठास आती है। परिवार में सुख शांति का माहौल होता है।
इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। इसके बाद पति की लंबी उम्र और घर परिवार में शांति की प्रार्थना करती हैं।
हरियाली तीज पर महिलाएं ग्रीन ड्रेस पहनती हैं। साड़ी हो या फिर सूट ..रंग हरा होना चाहिए। वहीं मेहंदी लगाकर इस दिन का उत्सव मनाती हैं।
हरियाली तीज को महिलाएं एक जगह मिलकर झूला झुलती हैं। इस दिन झूला झुलने का अलग महत्व होता है।