सही वक्त का चुनाव कई कारणों पर निर्भर करता है जैसे व्यक्ति का इमोशन, आर्थिक और मेंटल स्थिति। लेकिन अलग-अलग उम्र में शादी करने के फायेद और नुकसान दोनों होते हैं।
सबसे पहले जान लें कि शादी के लिए तैयार होना प्यार में होने से ज्यादा है। एक दूसरे को समझना, अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स, असहमति का सम्मानपूर्वक सामना करने की क्षमता जरूरी होता है।
शादी का मतलब एक दूसरे के लक्ष्यों को समझना, साथ में खुद को सुरक्षित महसूस करना, फ्यूचर की प्लानिंग मिलकर करना इन बातों पर अगर दोनों राजी है तो आप शादी के लिए तैयार हैं।
20 की उम्र में शादी करना रोमांचक हो सकता है। कपल इस उम्र में एक दूसरे के साथ जीवन के कई अहम बदलाव से गुजरते हैं। जिससे उनका रिश्ता गहरा बन सकता है।
इस उम्र में सभी अपने करियर, पहचान और जीवन के लक्ष्यों की खोज कर रहे होते हैं। इस दौरान शादी करने से इन चीजों पर असर पड़ सकता है। तनाव की स्थिति बन सकती हैं।
इस उम्र में शादी करने से रिश्ते में अधिक स्थिरता आती है। करियर और आर्थिक स्थिति अधिक स्थिर होने से रिश्ते में तनाव कम होता है। कपल मेंटल रूप से मेच्योर होते हैं।
इस उम्र तक पहुंचते-पहुंचते लोग अपने रूटीन और आदतों के अभ्यस्त हो सकते हैं, जिससे समझौते करना मुश्किल हो सकता है। अगर आप बच्चे चाहते हैं तो कुछ दिक्कत हो सकती है।
40 की उम्र में शादी करने से कपल ये जानते हैं कि वे क्या चाहते हैं एक दूसरे से। इमोशनल और आर्थिक रूप से वो मजबूत होते हैं। रिश्ते में मजबूती आती है।
जीवनशैली और आदतें पूरी तरह सेट हो जाती हैं, जिससे आपसी समझ बनाना कठिन हो सकता है। बच्चा पैदा करने में दिक्कत होती है।