प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि वैवाहिक जीवन को सुखी बनाना है तो कभी भी भूलकर पत्नी के गुप्त बातों को अपने माता-पिता से न बताए। पत्नी की कोई खराब आदत का भी जिक्र दूसरे से ना करें।
लड़ाई हर पति-पत्नी के बीच होती है। लेकिन इसके बारे में तीसरे इंसान को नहीं बताना चाहिए। लड़ाई आपस में ही निपटाएं। दोस्तों से फैमिली से कभी भी एक दूसरे की शिकायत ना करें।
आम तौर पर पति-पत्नी एक दूसरे की तुलना दूसरों से करते हैं। ऐसा कभी ना करें। पत्नी को सबसे ज्यादा गुस्सा तब आता है जब वो किसी पराई औरत से उसकी तुलना करता है।
आम तौर पर पति-पत्नी एक दूसरे की तुलना दूसरों से करते हैं। ऐसा कभी ना करें। पत्नी को सबसे ज्यादा गुस्सा तब आता है जब वो किसी पराई औरत से उसकी तुलना करता है।
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि एक पति को सदा अपनी पत्नी के साथ खड़े होना चाहिए। वैवाहिक जीवन में सदा खुशहाली बनी रहेगी अगर आप हर सिचुएशन में उसके साथ रहते हैं।
पति अगर कोई काम करने जा रहा है तो पत्नी से जरूर सलाह लेना चाहिए। फैमिली मैटर में पत्नी से जरूर पूछकर कुछ करें। पत्नी का सम्मान करें और उनके फैसलों की भी इज्जत।