शुगर डेटिंग एक ऐसा रिलेशनशिप होता है, जिसमें दोनों की जरूरतों का ख्याल रखा जाता है। यह एक म्यूच्यूअल बेनिफिट रिलेशन होता है।
शुगर डैडी उस व्यक्ति को कहा जाता है, जो अपनी फीमेल पार्टनर से बहुत बड़े होते हैं और खूब पैसे वाले अमीर जादे होते हैं।
शुगर बेबी उन लड़कियों को कहा जाता है जो अपने मेल पार्टनर से बहुत छोटी होती हैं और अपनी जरूरतों के लिए अमीरों के साथ अफेयर करती हैं।
सामान्य रूप से डेट कर रहे दो व्यक्तियों की उम्र लगभग समान होती है, लेकिन शुगर डेटिंग में ऐसा नहीं होता है। इसमें पार्टनर की उम्र के बीच में बहुत डिफरेंस होता है।
शुगर डेटिंग में शुगर डैडी शुगर बेबी के खर्चे उठाता है, उसे महंगे तोहफे देता है। वहीं, शुगर बेबी शुगर डैडी की फिजिकल नीड को पूरा करती है। यानी एक पैसा देता है और दूसरा प्यार।
भारत में भी मेट्रो सिटी में शुगर डेटिंग का खूब चलन है। जहां पर वीकेंड पर महिला या पुरुष अपने से छोटे या बड़े व्यक्ति के साथ डेट पर जाते हैं और उनके साथ टाइम स्पेंड करते हैं।
जिन लड़कियों को पैसों की जरूरत होती है वह शुगर बेबी बन जाती हैं और जिन अमीर आदमियों को घर से प्यार नहीं मिलता वह छोटी उम्र की लड़कियों को पैसे देकर अपनी नीड पूरी कर लेते हैं।
शुगर डेटिंग का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चलता है। एक समय बाद इस तरीके के रिलेशनशिप में फ्रस्ट्रेशन होता है और मेंटल हेल्थ भी डिस्टर्ब होने लगती है।
दुनिया भर में केन्या में सबसे ज्यादा शुगर डेटिंग का चलन है। यहां पर 20% छात्राओं ने अपने लिए शुगर डैडी बनाया हुआ है, जिनकी उम्र 18 से 24 साल की है।
सोशल मीडिया के जरिए शुगर डेटिंग को खूब बढ़ावा मिला है। दरअसल, दुनिया भर में शुगर डैडी फॉर मी डेटिंग वेबसाइट पर करीब 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं।