ED की रिमांड याचिका में एक्साइज पॉलिसी केस का पूरा बैकग्राउंड बताया गया है।
एक्साइज पॉलिसी को इस तरह डिजाइन किया गया था कि आसानी से रिश्वत ली जा सके और रिश्वत देने वालों को इसका फायदा मिले।
ED ने कहा- रिश्वत लेने के लिए केजरीवाल ने कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाया।
रिश्वत में मिली कमाई का इस्तेमाल AAP ने गोवा इलेक्शन के दौरान किया।
शराब नीति केस के आरोपी विजय नायर के साथ केजरीवाल ने मिलकर काम किया। नायर ने इस मामले में ब्रोकर का रोल निभाया।
केजरीवाल ने साउथ के ग्रुप से रिश्वत मांगी। वो के कविता से मिले और दिल्ली एक्साइज पॉलिसी पर साथ काम किया।
दो अवसरों पर पैसों का ट्रांजेक्शन हुआ। विक्रेताओं के जरिये रिश्वत के तौर पर कैश दिया गया। इनवॉइस सिर्फ आंशिक रकम के लिए बनाई गई, क्योंकि बाकी रकम रिश्वत के तौर पर नगद दी गई थी।
हवाला के जरिये गोवा में 45 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए। कई लोगों को बड़ी मात्रा में कैश दिया गया।
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में AAP के कई बड़े नेता पहले ही जेल में हैं। अगर वो बेकसूर हैं तो कोर्ट से जमानत क्यों नहीं मिली।