Aditya L1, सूरज का अध्ययन करने के लिए अपने प्वाइंट पर 125 दिनों में पहुंचेगा। यह धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 में स्थापित होगा।
National Sep 02 2023
Author: Dheerendra Gopal Image Credits:ISRO
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स्पेस बेस्ड पहली भारतीय लैब
आदित्य एल-1 अंतरिक्ष में सूर्य की स्टडी करने के लिए पहला स्पेस बेस्ड भारतीय लैब है।
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सूर्य का करेगा आब्जर्बेशन
आदित्य एल-1 को सूर्य के चारों ओर बनने वाले कोरोना के रिमोट ऑब्जर्वेशन के लिए डिजाइन किया गया है।
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सूर्य की हलचल का धरती पर असर
सूर्य धरती का सबसे करीबी स्टार है। सूर्य की सतह पर होने वाली हलचल का असर धरती पर भी होता।
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सात आधुनिक उपकरणों से लैस आदित्य
आदित्य-एल1 सात अत्याधुनिक उपकरण से लैस है। यह सूर्य पर रिसर्च करेंगे। ये सूर्य के प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और कोरोना की जांच करेंगे।