G20 के लिए भारत आ रहे विदेशी प्रतिनिधियों को एक बुकलेट दी जा रही है। G20 की इस बुकलेट की टाइटल भारत-द मदर ऑफ डेमोक्रेसी, है।
G20 के बुकलेट में बताया गया है कि भारत ही देश का आधिकारिक नाम है। इसका उल्लेख संविधान में है और 1946-48 की चर्चाओं में भी किया गया है।
G20 के डेलीगेट्स को भेजे गए डिनर इनवाइट में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की बजाय प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा होने के बाद विपक्ष ने हमला तेज कर दिया।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि देश को अब भारत कहा जाना चाहिए। अंग्रेजी वाले इंडिया शब्द का इस्तेमाल करते हैं लेकिन आप दुनिया में जहां भी जाएंगे, देश का नाम भारत ही भारत होगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन अपना नाम बदलकर भारत कर लेता है तो क्या बीजेपी 'भारत' की जगह कुछ और ले लेगी?
कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा: मिस्टर मोदी इतिहास को विकृत करना जारी रख सकते हैं और इंडिया को विभाजित कर सकते हैं, जो कि भारत है, जो राज्यों का संघ है। लेकिन हम डरेंगे नहीं।
ममता बनर्जी ने कहा कि अचानक ऐसा क्या हो गया कि आप देश का नाम बदल देंगे? हिंदी में भारत का संविधान शब्द का प्रयोग किया जाता है, जबकि दुनिया हमें इंडिया के नाम से जानती है।