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जानें क्या है सूरज का कोरोना जिसका अध्ययन करने गया आदित्य एल1

इसरो ने सूर्य के अध्ययन के लिए अपना पहला मिशन आदित्य एल1 लॉन्च किया है। इसका मुख्य काम सूरज के कोरोना की जानकारी जुटाना है। यह रहस्यों से भरा हुआ है।

Image credits: ISRO

क्या है सन कोरोना?

सूर्य का कोरोना सूर्य के वायुमंडल का सबसे बाहरी भाग है। कोरोना आमतौर पर सूर्य की सतह की चमकदार रोशनी से छिपा रहता है। इससे विशेष उपकरणों के उपयोग के बिना देखना कठिन है।

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कोरोना इतना मंद क्यों है?

कोरोना सूर्य की सतह से लगभग 10 मिलियन गुना कम घना है। कम घनत्व के चलते कोरोना सूर्य की सतह की तुलना में बहुत कम चमकीला है।

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कोरोना इतना गर्म क्यों है?

कोरोना की गर्मी रहस्यमय है। जब आप कैम्प फायर के पास बैठते हैं तो अधिक गर्मी लगती है जब दूर जाते है तो गर्मी घटती है। इसके उलट कोरोना सूर्य की सतह से दूर होकर भी अधिक गर्म है।

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कितना गर्म हो कोरोना?

सूर्य के सतह पर गर्मी करीब 5,500 °C होती है। वहीं, कोरोना में यह 10 लाख °C तक पहुंच जाती है। अभी यह पता नहीं है कि गर्मी का यह अंतर क्यों है।

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कोरोना से उठती हैं सौर हवाएं

कोरोना अंतरिक्ष में बहुत दूर तक फैला हुआ है। इससे सौर हवाएं चलती हैं। ये हवाएं हमारे सौर मंडल में घूमती हैं। कोरोना के तापमान के कारण इसके कण बहुत तेज गति से चलते हैं।

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कई हजार किलोमीटर तक फैला है कोरोना

कोरोना सूर्य की सतह से कई हजार किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है। यह धीरे-धीरे सौर हवा में बदल जाता है। सौर हवाएं सौर मंडल से बाहर की ओर बहती हैं।

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कोरोना में बहुत तेज रफ्तार से घूमते हैं कण

कोरोना में बहुत अधिक तापमान के कारण कण बहुत तेज गति से घूमते हैं। यह स्पीड इतनी अधिक होती है कि वे सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से बाहर आ जाते हैं अंतरिक्ष में पहुंच जाते हैं।

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कोरोना से निकली हैं सौर ज्वालाएं

कोरोना से सौर ज्वालाएं निकलती हैं। ऐसा होने पर सामान्य से अधिक मात्रा में ऊर्जा हमारे वायुमंडल से संपर्क करती है। इससे पावर ग्रिड और उपग्रह संचार में व्यवधान उत्पन्न होता है। 

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