उत्तरकाशी के सुरंग से निकाले गए 41 मजदूरों को चिन्यालीसौड़ के अस्पताल में रखा गया था। उन्हें चिनूक हेलिकॉप्टर से ऋषिकेश एम्स ले जाया गया।
चिनूक भारतीय वायुसेना का बाहुबली हेलिकॉप्टर है। इसका इस्तेमाल भारी सामान ढोने के लिए होता है। दो रोडर वाला यह हेलिकॉप्टर एक बार में ही सभी मजदूरों को देहरादून ले गया।
अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा बनाया गया चिनूक ऊंचे पहाड़ी इलाके में उड़ान भरता है। यह एक बार में 44 सैनिकों या स्ट्रेचर पर रखे गए 24 घायल सैनिकों को ले जा सकता है।
भारत ने अमेरिका से 15 चिनूक हेलिकॉप्टर खरीदा है। इसे आपदा या अन्य जरूरत के वक्त मानवीय मदद पहुंचाने में भी इस्तेमाल किया जाता है।
भारतीय सेना के पास सैनिकों और हथियारों को ढोने के लिए रूस में बना Mi-17 हेलिकॉप्टर पहले से हैं। यह एक बार में 25 सैनिकों को ले जा सकता है।
चिनूक क्षमता के मामले में Mi-17 से आगे है। टेंडेम रोटर डिजाइन चिनूक को खराब स्थिति में भी स्थिर रखता है। चिनूक में सामान लोड करना और उतारना आसान होता है।