Hindi

अमेरिका से मंगाई गई मशीन भी फेल

फंसे 41 मजदूरों को निकाले जाने के लिए पहले अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई लेकिन तमाम बाधाओं को पार करते हुए जब अमेरिका की बरमा मशीन 10-15 मीटर की दूरी पर थी तो बुरी तरह से टूट गई।

Hindi

अमेरिकी मशीन टूटने से आस भी लगी टूटने

अमेरिकी ऑगर मशीन के टूटने के बाद मजदूरों के रेस्क्यू की सारी उम्मीदें एक बार फिर धराशायी हो गईं। लेकिन प्लान बी से जगी उम्मीद।

Image credits: Our own
Hindi

सेना का सहारा

प्लान बी के तहत मजदूरों को निकालने के लिए मैनुअल ड्रिलिंग का सहारा लिया गया। इसके लिए सेना को मदद के लिए बुलाया गया।

Image credits: Our own
Hindi

फिर बैन हुए रैट-होल माइनिंग को किया शुरू

मैनुअल ड्रिलिंग करते हुए बैन हुई रैट-होल माइनिंग से मजदूरों को निकालने का निर्णय लिया गया।

Image credits: Our own
Hindi

क्या है रैट-होल माइनिंग?

रैट-होल माइनिंग अधिकतम चार फीट चौड़े गड्ढे खोदने की पद्धति है। एक मजदूर इसे खादते हुए कायला तक पहुंचता और बगल में ऐसा ही गड्ढा खोद बाहर आता।

Image credits: Our own
Hindi

कैसे हो रही रैट-होल माइनिंग

एक आदमी ड्रिलिंग कर रहा है, दूसरा मलबा इकट्ठा करता है और तीसरा उसे बाहर निकालने के लिए ट्रॉली पर रखता है।

Image credits: Our own
Hindi

2014 में हो गया था बैन

NGT ने अवैज्ञानिक होने के कारण 2014 में रैट-होल खनन पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन यह प्रथा बड़े पैमाने पर जारी है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में आजीविका के लिए काफी लोग ऐसा करते हैं।

Image credits: Our own

सिल्कयारा सुरंग में 15 दिनों से फंसे 41 मजदूर, अब सेना ही सहारा

PM मोदी से लेकर सचिन-धोनी तक...देखें सैनिक वर्दी में किसका कितना रौब

मोदी बने फाइटर पायलट, कभी नहीं देखा होगा PM का वर्दी वाला लुक

उत्तरकाशीः सुरंग में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन की इनसाइड PHOTOS