अमेरिका से मंगाई गई ऑगर मशीन टूट जाने के बाद दो दिनों से खुदाई काम ठप है। रविवार से मैनुअल ड्रिलिंग का काम सेना की देखरेख में शुरू हुआ।
अब केवल 10-15 मीटर की खुदाई बाकी है। लेकिन यह काम बेहद मुश्किल और खतरनाक है। यह काम मैनुअल ही किया जाना है। लेकिन खतरा को देखते हुए इस काम की जिम्मेदारी भारतीय सेना को सौंपी गई है।
भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स के एक इंजीनियर समूह, मद्रास सैपर्स की एक यूनिट, रेस्क्यू के लिए साइट पर पहुंच चुकी है।
सिल्कयारा प्रोजेक्ट के सुरंग में 41 मजदूर 360 घंटों से अधिक समय से फंसे हैं। अभी कम से कम एक सप्ताह उनको उसी में रहना पड़ सकता है।
सिल्कयारा सुरंग, केंद्र सरकार की चार धाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट का मुख्य हिस्सा है। यह उत्तरकाशी से लगभग 30 किलोमीटर दूर तो देहरादून से सात घंटे की ड्राइव पर है।