TDP सांसद राम मोहन नायडू भारत के सबसे युवा केंद्रीय मंत्री बने हैं। 36 साल के राम मोहन को नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया है। पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया नागरिक उड्डयन मंत्री थे।
राम मोहन नायडू पूर्व केंद्रीय मंत्री के येरन नायडू के बेटे हैं। वह टीडीपी के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। राम मोहन पिछली लोकसभा में पार्टी के नेता थे।
राम मोहन नायडू लोकसभा चुनाव 2024 में श्रीकाकुलम सीट से लगातार तीसरी बार सांसद बने हैं। उन्होंने YSRCP के तिलक पेराडा को 327,901 मतों के अंतर से हराया।
राम मोहन नायडू 2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और जीते थे। तब उनकी उम्र 26 साल थी। वह दूसरे सबसे कम उम्र के सांसद थे। इसके बाद उन्हें 2019 में भी जीत मिली थी।
राम मोहन नायडू ने आरके पुरम स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया।
राम मोहन ने 2011 में न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री लिया था। राम मोहन का ध्यान शुरुआत में सिंगापुर में करियर बनाने पर था।
2012 में सड़क हादसे में पिता की मौत होने पर राम मोहन नायडू घर लौट आये। 2014 में उन्होंने अपने पिता के श्रीकाकुलम निर्वाचन क्षेत्र से टीडीपी के लिए चुनाव लड़ा और सांसद चुने गए।
राम मोहन नायडू के पिता के येरन नायडू टीडीपी सीनियर नेता थे। 1996 से 1998 के बीच एच.डी. देवेगौड़ा और आई.के. गुजराल की सरकार में वह ग्रामीण विकास मंत्री रहे थे।