1942 में बांग्लादेश में आए खतरनाक साइक्लोन में 61,000 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 3 हजार मकान पानी में प्लास्टिक की डिब्बों की तरह बह गए थे।
2008 में म्यामार तट से खतरनाक साइक्लोन नरगिस टकराया, जिसकी वजह से 84,500 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 54 हजार लोग लापता हो गए।
साल 1991 में बांग्लादेश के समुद्र तट से टकराने वाला साइक्लोन ओ2बी ने बड़ी तबाही मचाई। इस तूफा में 1,35,000 लोगों की मौत हो गई। 10 मिलियन लोगों होमलेस हो गए।
1897 में बांग्लादेश के चटगांव समुद्र तट से टकराने वाले चक्रवाती तूफान ने 1,75,000 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि पूरा शहर ही लगभग बर्बाद हो गया था।
बंगाल में साल 1876 के दौरान द ग्रेट बेकरगंज साइक्लोन ने भारी तबाही मचाई थी। 31 अक्टूबर को आए इस तूफान में करीब 2 लाख लोगों की जान चली गई थी। तब 40 फीट ऊंची समुद्री लहरें उठीं।
बंगाल की खाड़ी में 1584 के दौरान भी एक भयंकर चक्रवाती तूफान आया जिसने 2 लाख से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला दिया।
नवंबर 1839 में भारत में सबसे खतरनाक साइक्लोन कोरिंगा ने कहर बरपाया। इस दौरान तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। जबकि 20 हजार से ज्यादा जहाजों क क्षति पहुंची थी।
वियतनाम में 1881 के दौरान हैफोंग नाम का साइक्लोन आया जिसमें भी करीब 3 लाख लोगों की मौत हो गई थी। बाढ़ की वजह से बाद में भी काफी लोगों की मौतें हुईं।
इसे इतिहास का सबसे भयानक प्राकृतिक आपदा माना जाता है। कोलकाता के पास गंगा डेल्टा में 30 से 40 फीट ऊंची लहरों ने तबाही मचाई। इसमें 3 से 3.5 लाख लोगों की मौत हो गई थी।
1970 में बांग्लादेश में द ग्रेट भोला नाम का साइक्लोन आया जिसने जमकर तबाही मचाई। इस दौरान 3 लाख से ज्यादा लोग मारे गए। 490 मिलियन डॉलर का नुकसान और 85 प्रतिशत मकान क्षतिग्रस्त हुए।