पूर्व PM मनमोहन सिंह अब इस दुनिया में नहीं है। दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। तीनों सेनाओं ने सलामी दी। उनकी बेटियां उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह मौजूद रहीं
मनमोहन सिंह की दूसरी बेटी दमन सिंह ने अपनी किताब 'स्ट्रिक्टली पर्सनल: मनमोहन-गुरशरण' में मनमोहन सिंह और मां गुरशरण कौर की जिंदगी की कई किस्सों को लिखा है।
दमन सिंह लिखती हैं, जब मनमोहन सिंह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते थे, तब एक समय वो एक लड़की के ख्यालों में डूब गए थे, जिसका असर उनकी पढ़ाई पर पड़ा, प्रोफेसर से डांट पड़ी।
किताब में बताया गया है, मनमोहन सिंह चाहते थे उनकी शादी पढ़ी लिखी लड़की से हो। यही कारण था कि जब उन्हें पता चला कि गुरुशरण स्कूल तक पढ़ी हैं तो उन्होंने रिश्ते से इनकार कर दिया।
दमन सिंह लिखती हैं कि 1950 के दशक में गुरशरण ग्रेजुएट हो चुकी थीं लेकिन मनमोहन को पता चला वो पढ़ाई में एवरेज हैं, जिससे वो निराश हुए लेकिन परिवार से रिश्ता होने से शादी को मान गए।
गुरशरण 5 बहनों में सबसे छोटी थीं। पिता ने कहा ज्यादा दहेज नहीं दे पाएंगे। मनमोहन ने कहा, 'दहेज में विश्वास नहीं बस मेरे पिता चाहते हैं कि बारातियों का ठीक से ख्याल रखा जाए।'
मनमोहन की शादी में 150 बाराती पहुंचे। बारिश के कारण सब धरा रह गया। बारिश रूकी तो शादी शुरू हुई लेकिन दूल्हे वाले फोटोग्राफर को बुलाना ही भूल गए, इसलिए शादी में तस्वीर नहीं खिंच पाई