भारत को बुधवार को अपना पहला नया C-295 विमान मिला। यह टेक्टिकल मिलिट्री एयर लिफ्ट प्लेन है। इसका मुख्य काम सैनिकों और हथियार को जंग के मोर्चे तक पहुंचाना है।
भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी पहले C-295 विमान की डिलीवरी लेने के लिए स्पेन गए थे। भारत ऐसे 56 विमान खरीद रहा है।
दो साल पहले C-295 विमान के लिए भारत ने एयरबस से 21,935 करोड़ रुपए में डील की थी। एयरबस ने भारत में विमान बनाने के लिए टाटा के साथ समझौता किया है।
C-295 विमान का कई कामों में इस्तेमाल हो सकता है। सैनिकों और हथियारों को ढोने के साथ ही इसे हवा में इंधन भरने वाले और अवाक्स विमान की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
C-295 विमान कई तरह इस्तेमाल किए जाने की खूबी के चलते भारतीय वायु सेना के लिए गेम चेंजर की तरह काम करेगा।
C-295 दो इंजन वाला विमान है। इसमें टर्बोप्रॉप इंजन लगा है। इसकी मदद से यह बेहद खराब रनवे पर भी उतर सकता है और टेकऑफ कर सकता है।
C-295 एक बार में 71 जवानों या 9 टन सामान लेकर उड़ान भर सकता है। यह छोटे रनवे से उड़ सकता है। इसे अधुरे बने रनवे से भी ऑपरेट किया जा सकता है।
C-295 के लिए हुई डील के अनुसार एयरबस भारत को 16 विमान तैयार हालत में देगा। 40 विमानों को भारत में बनाया जाएगा। इसके लिए टाटा और एयरबस ने गुजरात के वडोदरा में फैक्ट्री लगाई है।
C-295 से वायुसेना के सामान ढोने की क्षमता बढ़ेगी। इसके आने पर पुराने Avro-748 फ्लिट को 2023-31 तक बदला जाएगा।