Hindi

क्यों चीन-पाक को डराती है यह फोटो, जंग में कैसे काम आती है ये ताकत

Hindi

17 फरवरी 2024 को होगा Vayu Shakti-24 अभ्यास

इंडियन एयर फोर्स 17 फरवरी 2024 को राजस्थान के जैसलमेर के पास पोखरण में Vayu Shakti-24 नाम का अभ्यास करेगी। इस दौरान वायुसेना अपनी ताकत दिखाएगी।

Image credits: X- Indian Air Force
Hindi

इंडियन एयर फोर्स दिखाएगी ताकत

इंडियन एयर फोर्स के लड़ाकू विमान दिखाएंगे कि किस तरह वे दुश्मन के ठिकानों को तहस-नहस करने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही वायुसेना द्वारा अन्य क्षमताएं भी दिखाई जाएंगी।

Image credits: X- Indian Air Force
Hindi

वायुसेना के पास होती है कई तरह की जिम्मेदारी

जंग के दौरान वायुसेना की जिम्मेदारी सिर्फ दुश्मन के ठिकानों पर हमला करना या दुश्मन के हवाई हमले से बचाव करना नहीं होता।

Image credits: X- Indian Air Force
Hindi

वायुसेना की मदद से मोर्चे तक पहुंचाए जाते हैं सैनिक

वायुसेना द्वारा जमीन पर मौजूद सैनिकों को मोर्चे तक पहुंचाया जाता है। हथियार और अन्य साजो-सामान को तेजी से जंग के मैदान में पहुंचाने के लिए भी वायुसेना का इस्तेमाल होता है।

Image credits: X- Indian Air Force
Hindi

तोप लेकर उड़ता है चिनूक

Vayu Shakti-24 के अभ्यास के दौरान वायुसेना द्वारा अपनी इसी क्षमता प्रदर्शित करने का अभ्यास किया गया है। इसमें एक चिनूक हेलीकॉप्टर को तोप लेकर उड़ते देखा जा सकता है।

Image credits: X- Indian Air Force
Hindi

चिनूक हेलीकॉप्टर है खास

तोप को लेकर उड़ रहे चिनूक हेलीकॉप्टर की यह तस्वीर चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के दिल में खौफ भरने के लिए काफी है। जंग की स्थिति में यह क्षमता काफी मायने रखती है।

Image credits: Twitter
Hindi

तोप को मोर्चे पर तेजी से तैनात करना होता है अहम

जंग के दौरान तोप को मोर्चे पर तेजी से तैनात करना अहम होता है। पहाड़ी इलाकों में यह और भी महत्वपूर्ण होता है। चीन-पाकिस्तान से लगी भारत की सीमा का बड़ा हिस्सा पहाड़ी क्षेत्र है।

Image credits: Twitter
Hindi

भारत ने खरीदा है 5 चीनूक हेलीकॉप्टर

भारत ने अमेरिका से 15 चीनूक हेलीकॉप्टर खरीदा है। यह अधिक वजन लेकर उड़ने की क्षमता रखता है। इसकी मदद से हल्के वजन वाले तोप को हवा के रास्ते मोर्चे पर पहुंचाया जा सकता है।

Image credits: Twitter
Hindi

ऊंचे पहाड़ी इलाके में उड़ सकता है चिनूक

चीनूक हेलीकॉप्टर ऊंचे पहाड़ी इलाके में भी उड़ान भर सकता है। इसकी मदद से भारत तेजी से मोर्चे पर तोप जैसे भारी हथियार तैनात कर सकता है। यह सैनिकों और हथियारों को भी ढोता है।

Image credits: Twitter
Hindi

9.6 टन वजन लेकर उड़ सकता है चिनूक

चिनूक 9.6 टन तक वजन का सामान और कार्गो ले जा सकता है। कार्गो में आदमी और मशीनें जैसे तोपखाने बंदूकें और हल्के बख्तरबंद वाहन शामिल हो सकते हैं।

Image credits: X-𝐁𝐨𝐫𝐝𝐞𝐫 𝐑𝐨𝐚𝐝𝐬 𝐎𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐬𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧
Hindi

हिमालय क्षेत्र के लिए उपयुक्त है चिनूक

चिनूक हिमालय क्षेत्र में परिचालन के लिए उपयुक्त है। इसकी मदद से ऐसे इलाकों तक भी सैनिकों को कम वक्त में पहुंचाया जा सकता है जहां सड़कें नहीं हैं।

Image Credits: X-𝐁𝐨𝐫𝐝𝐞𝐫 𝐑𝐨𝐚𝐝𝐬 𝐎𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐬𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧