भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस चेन्नई ने सोमालिया के तट पर जाकर समुद्री लुटरों को सबक सिखाया है। इसने अगवा किए गए जहाज के चालक दल को बचाया है।
आईएनएस चेन्नई स्वदेशी युद्धपोत है। इसे जुलाई 2018 में नौसेना में शामिल किया गया था। यह गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है। आईएनएस चेन्नई की लंबाई 164 मीटर और डिस्प्लेसमेंट 7,500 टन है।
आईएनएस चेन्नई की अधिकतम रफ्तार 55 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इसमें चार गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं। इसपर 350-400 नौसैनिक सवार हो सकते हैं।
हमला करने के लिए आईएनएस चेन्नई के पास सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस है। इसका रेंज करीब 300 किलोमीटर है। हवाई हमले से बचने के लिए इसके पास बराक 8 मिसाइल है।
आईएनएस चेन्नई को न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल युद्ध की स्थिति में भी लड़ने के लिए डिजाइन किया गया है। पनडुब्बी हमले से रक्षा के लिए इसके पास हेवीवेट टारपीडो हैं।
हमला करने आ रहे मिसाइल और टारपीडो से बचने के लिए आईएनएस चेन्नई के पास एक खास कवच है। यह पानी के नीचे रहता है। यह डिकॉय सिस्टम हमले से युद्धपोत को बचाता है।
टॉरपीडो से बचाव के लिए आईएनएस चेन्नई के पास 'मारीच' टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम है। कवच और मारीच दोनों को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
आईएनएस चेन्नई को स्टील्थ फीचर से लैस किया गया है। इसके चलते रडार से इसका पता लगाना कठिन होता है। करीब से भारी गोलीबारी के लिए इसके पास चार AK 630 रैपिड फायर गन्स हैं।
समुद्री लुटेरों से मुकाबला करने या किसी खास अभियान के लिए आईएनएस चेन्नई पर नौसेना के मार्कोस कमांडो तैनात रहते हैं।