कोलकाता के RG Kar हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर से साथ हुए रेप और मर्डर के बाद पूरे देश में गुस्सा है। लोग अब आरोपियों के लिए फांसी की मांग उठाने लगे हैं।
इसी बीच, रविवार 25 अगस्त को मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ। करीब 4 घंटे तक संजय का सामना झूठ पकड़ने वाली मशीन से हुआ।
इससे पहले शनिवार 24 अगस्त को इस केस के अन्य 6 आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा चुका है, जिसमें अस्पताल का पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष भी शामिल है।
आखिर क्या अस्पताल और आरोपियों से जुड़ा कोई ऐसा बड़ा सीक्रेट था, जिसे पीड़िता जानती थी। इसी के चलते उसे रास्ते से हटाने की प्लानिंग की गई।
क्या अस्पताल में हो रहे भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिश की जा रही थी। ऐसे कई सवाल हैं जो सरकार और प्रशासन को कठघरे में खड़ा करते हैं।
अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर पहले ही भ्रष्टाचार के कई बड़े आरोप है। 2 बार उसका ट्रांसफर भी हुआ, लेकिन अपनी पावर से उसने दोबारा पोस्टिंग आरजी कर अस्पताल में करवा ली।
यही वजह है कि सीबीआई ने संदीप घोष से अब तक करीब 100 घंटे की पूछताछ की है। साथ ही संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट भी हो चुका है।
पुलिस ने दावा किया था कि रेप-मर्डर केस में संजय रॉय ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। बता दें कि 8-9 अगस्त को कई बार अस्पताल से आने-जाने के दौरान संजय रॉय का CCTV फुटेज मौजूद है।
इसके अलावा संजय रॉय के खिलाफ सबसे बड़ा सबूत उसका ब्लूटूथ है, जो कि पीड़िता की डेडबॉडी के पास से ही बरामद हुआ है।