ISRO (Indian Space Research Organisation) भारत की अंतरिक्ष एजेंसी है। ISRO ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को बड़ी ताकत बनाया है।
प्रक्षेपण वाहन (Launch vehicles) उस रॉकेट को कहते हैं, जिससे सैटेलाइट को अंतरिक्ष में पहुंचाया जा सकता है। इसमें हर तरह के रॉकेट आते हैं।
GSLV (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle) वह रॉकेट है जो उपग्रह को जियोसिंक्रोनस कक्षा में पहुंचाता है। भारत का GSLV Mk III 4,000 के उपग्रह को अंतरिक्ष ले जा सकता है।
PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) GSLV से कम वजन का रॉकेट है। भारत का PSLV प्रोग्राम बेहद सफल है। इसकी मदद से भारत कई देशों के उपग्रह अंतरिक्ष में पहुंचाता है।
पेलोड वह सामान है जिसे रॉकेट अंतरिक्ष में पहुंचाता है। अगर किसी उपग्रह को स्पेस में ले जाया जाता है तो वह रॉकेट का पेलोड कहलाता है।
प्रोपेलेंट (Propellant) वो इंधन है जिसे जलाने पर रॉकेट को ऊपर उठने की ताकत मिलती है। इंधन दो तरह के होते हैं ठोस और तरल।
अंतरिक्ष स्टेशन (space station) अंतरिक्ष में पृथ्वी के चारों ओर घूम रहा ऐसा स्थान है जहां इंसान रहते हैं।
अंतरिक्ष यात्री (Astronaut) वो व्यक्ति है जिसने अंतरिक्ष की यात्रा की है। वर्तमान में अमेरिका, रूस और चीन के पास इंसान को अंतरिक्ष में भेजने की क्षमता है।
क्षुद्रग्रह (Asteroid) चट्टान या धातु के टुकड़े हैं जो पहले अन्य छोटे ग्रहों के हिस्से हुआ करते थे। ये अंतरिक्ष में टकराव के कारण टूट गए और अब सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
बिग बैंग थ्योरी ब्रह्मांड की उत्पत्ति का वर्णन करने वाला एक मॉडल है। यह बताता है कि कैसे ब्रह्मांड उस स्थिति में पहुंचा जिसे आज हम देखते हैं।
ब्लैक होल मृत तारे का छोटा घना कोर अवशेष है। इस कोर का घनत्व सूर्य के घनत्व से लगभग तीन गुना अधिक होता है। इसका गुरुत्वाकर्षण इतना अधिक होता है कि प्रकाश भी बाहर नहीं आता।
डार्क एनर्जी की तरह ही डार्क मैटर भी ब्रह्मांड के एक बड़े हिस्से को कवर करता है। यह वैज्ञानिकों के लिए रहस्यमय बना हुआ है।
आकाशगंगा (Galaxy) धूल, गैस, सितारों और विभिन्न सौर प्रणालियों का एक व्यापक मिश्रण है। हम मिल्की वे आकाशगंगा में रहते हैं।
अंतरिक्ष में दूरी मापने के लिए प्रकाश वर्ष इकाई का इस्तेमाल होता है। एक प्रकाश वर्ष मोटे तौर पर 6 ट्रिलियन मील के बराबर होता है।
उल्का (Meteor) एक चट्टानी क्षुद्रग्रह है। पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश के दौरान बहुत अधिक गर्मी के चलते जल जाता है। इसके चलते हमें तारे के टूटने जैसा आभास होता है।
मिल्की वे एक सांप के आकार की आकाशगंगा है। यह लगातार घूम रही है। हमारा सौर मंडल आकाशगंगा के केंद्र से लगभग 30,000 प्रकाश वर्ष दूर है।
कक्षा अंतरिक्ष में वह खास जगह है जहां किसी वस्तु को रखे तो वह गुरुत्वाकर्षण के खिंचाव के कारण पास के बड़े ग्रह या उपग्रह की परिक्रमा करता है।
सौर मंडल सूर्य और उसकी परिक्रमा करने वाली वस्तुओं का गुरुत्वाकर्षण से बंधा हुआ तंत्र है। इसमें वे पिंड शामिल हैं जो सूर्य की परिक्रमा करने वाली वस्तुओं की परिक्रमा करते हैं।
सौर हवा सूर्य से सौर कणों और प्लाज्मा को साथ लेकर बहने वाली हवा है। इसका असर पृथ्वी पर होता है।
सुपरनोवा सबसे बड़ा विस्फोट है, जिसे मानव आंखों से देखा जा सकता है। यह धमाका मरते हुए विशाल तारे के अंतिम चरण में होता है।