18वीं लोकसभा के लिए स्पीकर का चुनाव बुधवार को होगा। NDA की तरफ से इस पद के लिए ओम बिरला का नाम आगे आया है। वहीं, कांग्रेस ने के. सुरेश को उतारा है।
लोकसभा अध्यक्ष के लिए होने वाले चुनाव से पहले कुछ सांसद अब तक सदन में शपथ नहीं ले पाए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वे वोटिंग में हिस्सा ले सकते हैं?
24-25 जून को लोकसभा में नए सांसदों ने शपथ लिया। हालांकि, कुछ चुने गए सदस्यों ने अब तक शपथ नहीं लिया है लेकिन नियम के अनुसार, वे सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं।
लोकसभा चुनाव जीतते ही एक सदस्य को सांसद के सारे अधिकार मिल जाते हैं, लेकिन संविधान के अनुसार, शपथ जरूरी है। इसके बाद उस भावना के अनुसार ही काम करें और कतर्व्य निभाएं।
अगर कोई सदस्य तय समय पर शपथ नहीं लेता है तो वह स्पीक के सामने सत्र के दौरान कभी भी शपथ ले सकता है। स्पीकर के चैंपर में उनके सामने भी सदस्य शपथ ले सकता है।
संविधान के मुताबिक, बिना शपथ भी कोई सदस्य सदन की कार्यवाही में भाग ले सकता है लेकिन उसके पास अधिकार सीमित होंगे। वह वोटिंग भी कर सकता है लेकिन बहस-चर्चा में टिप्पणी नहीं कर सकता है
अगर कोई सदस्य बिना शपथ लिए सदन में बैठ रहा है तो नियम के अनुसार, उसे हर दिन 500 रुपए का जुर्माना देना होता है। इसे कर्ज मानकर उससे लिया जाता है या सैलरी से काट लिया जाता है।