मोदी न सिर्फ देश बल्कि दुनियाभर के युवाओं के आइकन हैं। उन्होंने अपनी लीडरशिप से भारत को अमेरिका, रूस से लेकर जापान और फ्रांस जैसे विकसित देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया है।
PM मोदी अपने काम को लेकर पूरी तरह समर्पित रहते हैं। वो दिन में 18 घंटे काम करते हैं। काम को लेकर उनका डेडिकेशन इस हद तक है कि वो कभी छुट्टी भी नहीं लेते हैं।
मोदी की कामयाबी में डिसिप्लिन यानी अनुशासन का बड़ा हाथ है। वो अपना हर काम तय समय पर पूरा करते हैं। चुनाव के दौरान उन्होंने 3 लाख KM का फासला तय किया था।
मोदी की ये सबसे बड़ी खासियत है। वे अपने फैसलों से कई बार चौंका देते हैं। नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक और कोरोना वैक्सीन खरीदने के बजाय अपने ही देश में बनाना इसके बड़े उदाहरण है।
मोदी खुद ग्राउंड पर आकर काम करना पसंद करते हैं। स्वच्छता अभियान के लिए जहां उन्होंने झाड़ू लगाई तो वहीं काशी के घाट की सफाई के लिए फावड़ा लेकर उतर गए थे।
मोदी लोगों को प्रोत्साहित करते हैं। कई बार वो सोशल मीडिया, टीवी या फिर 'मन की बात' में आम लोगों के किस्से सुनाते हुए उनकी तारीफ कर चुके हैं।
चंद्रयान-2 मिशन की असफलता के बाद भी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाना, कोरोना महामारी के दौरान जनता से उनका संवाद बताता है कि हर तरह के हालात में खुद को कैसे मजबूत रखना है।
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी को चायवाला कहा था। लेकिन उन्होंने इसे अपनी पहचान बना लिया। राहुल गांधी ने उन्हें 'चौकीदार चोर' कहा तो देश में 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन चला दिया।
मोदी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और कम्युनिकेशन में हमेशा आगे रहते हैं। उन्होंने #Sandesh2Soldiers, #MyCleanIndia, #IncredibleIndia, #SelfieWithDaughter जैसे कई कैंपेन चलाए।
मोदी से एक इंटरव्यू में पूछा गया आप किसे सबसे बड़ा चैलेंजर मानते हैं। उन्होंने कहा था-आपको ही अपना सबसे बड़ा चैलेंजर होना चाहिए। सुधार के लिए हमेशा खुद से तुलना करें।