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क्या नाव की सवारी ने टाल दी मौत? जानिए कैसे बचे केरल हाईकोर्ट के 3 जज!

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पहलगाम हमले से बाल-बाल बचे केरल हाईकोर्ट के जज

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में आतंकी हमला हुआ और कुछ घंटे पहले ही 3 जज वहां से लौटे… क्या डल झील की नाव की सवारी ने टाल दी मौत? जानिए पूरी सस्पेंस भरी कहानी।

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पहलगाम में मौत से चंद कदम दूर!

केरल हाईकोर्ट के तीन जज अपने परिवार के साथ पहलगाम में छुट्टियां मना रहे थे। लेकिन एक आतंकी हमले से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने वो जगह क्यों छोड़ दी?

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डल झील की जिद ने बचा ली जान

पहलगाम आतंकी हमले से ठीक पहले केरल हाईकोर्ट के तीन जज – जस्टिस अनिल के नरेंद्रन, जस्टिस जी गिरीश और जस्टिस पीजी अजित कुमार अपने परिवार सहित वहां से सुरक्षित लौट आए।

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जस्टिस नरेंद्रन की दूरदर्शिता

जस्टिस नरेंद्रन ने कहा, “पहलगाम में हमने सभी प्रमुख जगहें देख ली थीं। मेरा मन डल झील की ओर खिंच रहा था… शायद मेरी जिद ही हमारी सुरक्षा बन गई।

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जस्टिस जी गिरीश की चुप्पी और चिंता

हमले की खबर ने सबको झकझोर दिया। जस्टिस गिरीश चुपचाप रहे, लेकिन उनके चेहरे पर चिंता साफ झलक रही थी। क्या ये इत्तेफाक था या किस्मत की चाल?

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जस्टिस पीजी अजित कुमार ने क्या कहा?

जस्टिस अजित कुमार बोले, “हम दोपहर तक श्रीनगर पहुंच गए थे। जब पता चला हमला हुआ है, तो रूह कांप गई… हम बाल-बाल बचे।” उनकी आवाज़ में डर साफ झलक रहा था।

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केरल हाईकोर्ट के 8 जजों की टीम गई थी कश्मीर

केरल हाईकोर्ट के जजों की 8 सदस्यीय टीम हमले से महज कुछ घंटे पहले ही वहां से निकली थी। अगर वे कुछ घंटे और रुक जाते तो शायद कहानी कुछ और होती…

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क्या ये केवल संयोग था?

डल झील की सैर के लिए समय पर निकलना और आतंकी हमला कुछ घंटे बाद होना… क्या ये केवल इत्तेफाक था या नियति का इशारा? रहस्य बना हुआ है...

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