तमिलनाडु का ऐतिहासिक शहर मदुरै 2025 की रिपोर्ट में भारत का सबसे गंदा शहर बना है। 4823 स्कोर मिला है। संकरी गलियां, ठहरा हुआ पानी और बिना योजना कचरा निपटान ने हालात बिगाड़ दिए हैं।
पंजाब का औद्योगिक हब लुधियाना दूसरे नं पर है। इसे 5272 का स्कोर मिला है। यहां की डाईंग-टेक्सटाइल फैक्ट्रियों से निकलने वाला कचरा नालों और ड्रेनों में जा रहा है, जिससे गंदगी बढ़ी है
भारत के चार महानगरों में शामिल चेन्नई की स्थिति चौंकाने वाली है। इसे तीसरी रैंक मिली है। स्कोर 6822 है। सड़क किनारे जमा कूड़ा, बारिश में जलभराव, कचरा निस्तारण की कमजोर व्यवस्था है।
झारखंड की राजधानी रांची चौथे स्थान पर है। इसे 6835 का स्कोर मिला है। कचरा कलेक्शन की अनियमितता और नालों की सफाई में लापरवाही शहर को अस्वच्छ बना रही है।
भारत की सिलिकॉन वैली बेंगलुरु इस बार 5वें सबसे गंदे शहर की लिस्ट में है। इसका स्कोर 6842 है। तेज शहरीकरण, ट्रैफिक और अव्यवस्थित कचरा प्रबंधन ने शहर की चमक फीकी कर दी है।
झारखंड का कोयला शहर धनबाद भी गंदगी में डूबा है। यहां धूल, कचरे और औद्योगिक अपशिष्ट ने शहर की हवा और सड़कों दोनों को दूषित कर दिया है। इसे 7196 का स्कोर मिला है।
दिल्ली NCR का हिस्सा होने के बावजूद फरीदाबाद का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। यह शहर बार-बार औद्योगिक कचरे और खुले नालों की वजह से चर्चा में रहता है। इसे 7329 का स्कोर मिला है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई इस बार 8वें नंबर पर है। झोपड़पट्टियों में कचरा प्रबंधन की स्थिति बेहद खराब है। इसका स्कोर 7419 है। BMC के प्रयासों के बावजूद कचरा लगातार बढ़ रहा है।
जम्मू-कश्मीर की खूबसूरत वादियां अब कचरे के ढेर से जूझ रही हैं। इस बार श्रीनगर नौवें स्थान पर है। इसका स्कोर 7488 है।
राजधानी दिल्ली इस बार 10वें नंबर पर है।यमुना प्रदूषण, खुले डंपयार्ड और एयर क्वालिटी की गिरावट लगातार चिंता का विषय हैं। इसका स्कोर 7920 है।
सोर्स: स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 रिपोर्ट