रिपोर्ट्स की मानें तो 1947 में आजादी मिलने के बाद धीरज साहू के पिता बलदेव ने भारत सरकार को 47 लाख रुपए और 47 किलो सोना दान में दिया था। यह भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती के लिए था।
धीरज साहू कुल 5 भाई हैं जिनमें से उन्हें लेकर 4 भाई राजनीति में हैं। भाई शिवप्रसाद साहू रांची से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। 2001 में उनका निधन हो गया था।
झारखंड में कांग्रेस के सबसे बड़ा गढ़ यह साहू परिवार है। यही वजह है कि लोहरदगा में इनके घर को व्हाइट हाउस ऑफ लोहरदगा कहा जाता है। वे हर चुनाव में कांग्रेस के लिए धुरी बनते हैं।
धीरज साहू पहली बार 2010 में राज्यसभा के लिए चुने गए और इसके बाद 2018 में वे तीसरी बार कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा के सांसद बने हैं। साहू का परिवार कांग्रेस से गहरे जुड़ा है।
धीरज साहू झारखंड के चतरा से दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए। इसके बाद कांग्रेस ने धीरज साहू को राज्यसभा भेजा। तब से वे राज्यसभा सांसद हैं।
दूसरे भाई नंदलाल साहू का निधन भी हो चुका है। धीरज साहू के तीसरे भाई गोपाल साहू हैं जो कि 2019 में हजारीबाग से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे।
कांग्रेस सांसद धीरज साहू के चौथे भाई उदय साहू हैं और वे भी कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं। धीरज साहू का मेन कारोबरा ओडिशा में शराब के प्रोडक्शन से जुड़ा बताया जा रहा है।
कांग्रेस सांसद धीरज साहू ने 2018 में चुनाव आयोग को जो एफिडेविड दिया उसके अनुसार उनकी प्रॉपर्टी करीब 34 करोड़ रुपए है। इसमें 20.4 करोड़ की चल और 14.43 करोड़ अचल संपत्ति है।
धीरज साहू ने रांची के मारवाड़ी कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली है। इनके नाम कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। मंथली इनकम भी करीब 1 करोड़ रुपए के आसपास है।
धीरज साहू के पास लग्जरी गाड़ियों की सीरिज है। इनके पास रेंज रोवर्स, बीएमडब्ल्यू, फार्च्यूनर और पजेरो जैसी लग्जरी गाड़ियों का काफिला है। धीरज को गाड़ियों का बड़ा शौक है।