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गतिरोध के बाद अब कानून

27 साल से प्रस्तावित महिला आरक्षण विधेयक तमाम गतिरोध के बाद अब कानून बनने की कगार में है।

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33 प्रतिशत कोटा

संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत कोटा आवंटित होगा। हालांकि, अगले साल होने वाले लोकसभा आम चुनाव में महिलाओं का यह कोटा नहीं लागू होगा।

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2029 से सीटों का आरक्षण लागू

माना जा रहा है कि 2029 से सीटों का आरक्षण लागू हो जाएगा। महिला आरक्षण कानून बनने के बाद सीटों के निर्धारण के लिए सर्वे होगा।

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ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण नहीं

विधेयक में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षण शामिल नहीं है। मोदी कैबिनेट द्वारा मंजूर विधायिका के लिए ऐसा कोई प्रावधान मौजूद नहीं है।

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राज्यसभा और विधान परिषदों में लागू नहीं

महिलाओं के लिए कोटा राज्यसभा या राज्य विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा। कोटा के भीतर एक तिहाई सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए होंगी।

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महिला आरक्षण बिल 15 साल तक रहेगा

यह बिल कानून बनने के बाद 15 साल तक लागू रहेगा लेकिन इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है। हर चुनाव के बाद महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों को प्रत्येक बार रोटेट किया जाएगा।

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