संसद में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पास हो चुका है। राष्ट्रपति की मंजूरी से कानून बन गया।
अब IPC की जगह अब भारतीय न्याय संहिता अस्तित्व में आ गया तो CrPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एवीडेंस एक्ट की जगह अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम कानून होगा।
सीआरपीसी की धाराओं में बढ़ोतरी की गई है। पहले इसमें 484 धाराएं थीं लेकिन नए कानून में यह बढ़कर 531 हो जाएंगी।
आईपीसी की 177 धाराओं में भी कुछ बदलाव हुए हैं। इसमें 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। इसमें 39 सब सेक्शन भी जोड़े गए हैं। करीब 44 नए प्रोविजन भी शामिल किए गए हैं।
नये कानून में किसी भी आरोपी को याचिका दायर करने के लिए सिर्फ 7 दिन का समय मिलेगा। इतना ही नहीं, जज को इन 7 दिनों में हियरिंग करनी होगी।
ट्रायल स्टार्ट करने के लिए मैक्सिमम समय 120 दिन होगा।
पूर्व में छूट का कोई नियम नहीं था। अब अपराध के 30 दिन के अंदर अगर कोई अपना जुर्म कबूल कर लेता है तो सजा कम हो सकती है।
ट्रायल के दौरान डॉक्यूमेंट पेश करने का टाइम भी फिक्स कर दिया है, अब 30 दिन के अंदर सभी डॉक्यूमेंट्स पेश करने होंगे।