वास्तु के अनुसार घर में बछड़े को दूध पिलाती गाय की मूर्ति रखने से संतान प्राप्ति होने के योग बनते हैं। दंपत्ति को शयनकक्ष में इस प्रकार रखना चाहिए कि उनकी नजर बार-बार उस पर पड़े।
प्रसिद्ध वास्तु ग्रंथ समरांगण सूत्र के अनुसार भवन का निर्माण आरंभ करने से पहले उस भूमि पर ऐसी गाय बांधनी चाहिए जो सवत्सा यानी बछड़े वाली हो।
जब गाय नवजात बछड़े को सहलाती और चाटती है तो उसका फैन जमीन पर गिरकर उसे पवित्र कर देता है और वहां मौजूद सभी दोष अपने आप दूर हो जाते हैं।
जिन घरों में गाय की सेवा की जाती है। ऐसे घरों में सभी विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती हैं।
विष्णु पुराण के अनुसार जब श्रीकृष्ण को पूतना के दूध पीने से डर लगता था तो नंद दम्पति ने गाय की पूंछ घुमाकर उनकी ओर देखा और भय दूर किया।
किसी इंटरव्यू, किसी उच्च अधिकारी से मुलाकात आदि के लिए जाते समय गाय को हरा चारा खिलाते समय देखना वास्तु में शुभ माना जाता है।
वास्तु के अनुसार अपने घर और कार्यस्थल पर सिक्कों के ढेर पर बैठी हुई गाय की मर्ति या फोटो को रखना बहुत शुभ माना जाता है। इसे यहां रखने से आशा के अनुरूप सफलता और समृद्धि मिलती है।
घर या ऑफिस में कामधेनु गाय की मूर्ति रखना बहुत फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे व्यक्ति के विचारों में सकारात्मक बदलाव आता है और उसकी सहनशीलता बढ़ती है।
करियर में सफलता और मां लक्ष्मीजी की कृपा पाने के लिए घर की उत्तर दिशा में बांसुरी बजाते हुए राधा-कृष्ण और उनके पीछे बंधी हुई गाय की तस्वीर लगाएं।
गाय के खुर से उठने वाली धूल को शरीर पर लगाना बहुत फायदेमंद माना जाता है, इसे लगाने से नकारात्मक शक्तियां आपसे दूर रहती हैं।