इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी, सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा काफी पुरानी है। कई स्थानों पर तो पतंग से जुड़े उत्सव (Kite Festival) भी आयोजित किए जाते हैं।
मकर संक्रांति और पतंग एक-दूसरे के पर्याय हैं। लेकिन मकर संक्रांति पर पतंग क्यों उड़ाते हैं इसके बारे में कम ही लोगों को पता है। इस परंपरा के पीछे वैज्ञानिक कारण छिपा है।
सर्दी के कारण हमारे शरीर में कफ की मात्रा बढ़ जाती है और त्वचा भी रुखी हो जाती है। मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण होता है, इस कारण इस समय सूर्य की किरणें औषधि का काम करती हैं।
पतंग उड़ाते समय हमारा शरीर सीधे सूर्य की किरणों के संपर्क में आता है, जिससे सर्दी से जुड़ी शारीरिक समस्याओं से निजात मिलती है व त्वचा को विटामिन डी भी पर्याप्त मात्रा में मिलता है।
शीत ऋतु में विटामिन डी हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक होता है, जिससे हमें जीवनदायिनी शक्ति मिलती है। यही कारण है कि मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा बनाई गई।