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जानें ‘कालाराम मंदिर’ की खास बातें, जहां PM नरेंद्र मोदी ने लगाया पोछा

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पीएम मोदी ने की साफ-सफाई

12 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नासिक में थे। यहां वे कईं कार्यक्रमों में शामिल हुए और कालाराम मंदिर में पूजा भी की। मोदी ने मंदिर में पोछा लगाकर साफ-सफाई का संदेश भी दिया।

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खास है ये मंदिर

जिस कालाराम मंदिर में पीएम मोदी ने पोछा लगाया वो काफी खास है। ये मंदिर नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित है, जहां श्रीराम ने सीता सहित वनवास का थोड़ा समय बिताया था।

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कालाराम मंदिर नाम क्यों?

नासिक के इस मंदिर में श्रीराम, सीता और लक्ष्मण की प्राचीन मूर्तियां स्थापित हैं। ये सभी प्रतिमाएं खास प्रकार के काले पत्थर से बनी हुई हैं, इसलिए इस मंदिर का नाम कालाराम रखा गया है।

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सपने में दिखे श्रीराम

मान्यता है कि सरदार रंगारू ओढेकर नाम के व्यक्ति को सपने में श्रीराम की प्रतिमा गोदवरी नदी में तैरती दिखाई दी। अगली सुबह उसने गोदावरी नदी के किनारे सचमुच एक मूर्ति देखी।

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12 साल में बना ये मंदिर

भक्तों ने श्रीराम की प्रतिमा लाकर मंदिर में स्थापित कर दी। तब ये मंदिर लकड़ी से बना हुआ था। साल 1782 में इसे पत्थरों से बनाया गया। इस मंदिर को बनने में 12 साल का समय लगा था।

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हनुमानजी की मूर्ति भी काली

मंदिर के मुख्य द्वार पर हनुमान जी की काले रंग की मूर्ति है। मंदिर में एक प्राचीन वृक्ष है, जिसके एक पत्थर पर पैरों के निशान हैं। मान्यता है कि ये भगवान दत्तात्रेय के पदचिह्न हैं।

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14 सीढ़ियां और 84 खंबे

कालाराम मंदिर मंदिर में 14 सीढ़ियाँ हैं, कहते हैं कि ये सीढ़ियां राम के 14 वर्ष के वनवास को दिखाती हैं। ये मंदिर जिन 84 खंभों पर टिका है, वह 84 लाख योनियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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