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Holi: कहां खेलते हैं ‘खूनी’ और ‘बिच्छू’ होली? ये हैं 5 खतरनाक परंपराएं

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ये हैं होली की 5 खतरनाक परंपराएं

इस बार होली 25 मार्च, सोमवार को मनाई जाएगी। होली से जुड़ी कईं खतरनाक और जानलेवा परंपराएं हमारे देश में निभाई जाती हैं। आगे जानिए ऐसी ही 5 परंपराओं के बारे में…

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कहां खेलते हैं खूनी होली?

राजस्थान के डूंगरपुर में आदिवासी जनजाति के लोग 2 टोलियों में बंटकर एक-दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं। इस दौरान कईं लोग घायल भी हो जाते हैं। इस परंपरा को खूनी होली कहा जाता है।

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कहां मनाते हैं बिच्छू होली?

यूपी के के सौथना गांव में लोग होली पर नाचते-गाते भैसान टीले पर जाते हैं और बिच्छुओं को पकड़कर हाथ पर रख लेते हैं। बिच्छू इन्हें काटते नहीं है। इसे ही बिच्छू होली कहते हैं।

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यहां जलते अंगारों पर चलते हैं लोग

एमपी के सिलवानी में होलिका दहन पर लोग धधकते हुए अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं। इसमें बच्चे, बूढ़े सभी शामिल होते हैं। मान्यता है कि इससे उनके परिवार पर परेशानी नहीं आती है।

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यहां पंडाजी करते हैं अग्नि स्नान

मथुरा के फालैन गांव में पंडाजी होलिका की जलती हुई अग्नि में से निकलते हैं। आज तक इस परंपरा के दौरान किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। ये परंपरा काफी पुरानी है।

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यहां मचान पर झूलते हैं लोग

होली के मौके पर मध्य प्रदेश के सिवनी में 60 फीट ऊंची मचान पर बड़ी चकरी बनाई जाती है। जिसकी मन्नत पूरी होती है, उस व्यक्ति को चकरी के सिरे पर बांधकर झूले की तरह घूमाते हैं।

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