धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरुवार को केला नहीं खाना चाहिए। ऐसा करना अशुभ होता है। इस मान्यता से जुड़ी एक कथा है, जिसके बारे में कम ही लोगों को पता है। जानें क्या है कथा…
कुछ ग्रंथों में ऐसा लिखा है कि गुरुवार को ही भगवान विष्णु का विवाह देवी लक्ष्मी से हुआ था। इस विवाह में देवी देवी दरिद्रता यानी अलक्ष्मी भी शामिल होने के लिए आई थीं।
भगवान विष्णु के विवाह में देवताओं ने देवी दरिद्रता का उपहास हो गया जिससे वे काफी दुखी हो गईं। तब देवी दरिद्रता भगवान विष्णु के पास गईं और उन्हें पूरी बात बताई।
भगवान विष्णु ने देवी अलक्ष्मी का दुख दूर करने के लिए वरदान दिया ‘वैसे तो केले के वृक्ष में मेरा निवास हैं, लेकिन आज से गुरुवार के दिन केले के वृक्ष में तुम्हारा निवास माना जाएगा।
भगवान विष्णु ने कहा ‘जो व्यक्ति गुरुवार को केले के वृक्ष की पूजा करेगा उस पर मेरी कृपा बनी रहेगी और जो व्यक्ति गुरुवार को केला खाएगा, उसके घर में देवी दरिद्रता का वास होगा।’
इस कथा के अनुसार ही ये मान्यता चली आ रही है कि गुरुवार को भूलकर भी केला नहीं खाना चाहिए और इस दिन केले के वृक्ष की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है।