ग्रंथों में गृहस्थ जीवन के कईं नियम बताए गए हैं। इन नियमों में ये भी बताया गया है कि किन तिथि व मौकों पर पति-पत्नी को एक-दूसरे के नजदीक नहीं जाना चाहिए। जानें इससे जुड़ी खास बातें…
धर्म ग्रंथों के अनुसार, अमावस्या तिथि पर पति-पत्नी को एक-दूसरे से अलग रहना चाहिए। इस तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। इसलिए इस तिथि का विशेष महत्व है।
पूर्णिमा तिथि का भी विशेष महत्व ग्रंथों में बताया गया है। इस तिथि के देवता चंद्रमा है। ये तिथि पूजा-पाठ के लिए उत्तम मानी गई है। इसलिए इस तिथि पर भी पति-पत्नी को दूर रहना चाहिए।
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही पवित्र माना गया है। इस दिन व्रत करने का विधान है। अगर व्रत न कर सकें तो ब्रह्मचर्य का पालन इस तिथि पर जरूर करना चाहिए।
जब भी सूर्य या चंद्र ग्रहण हो तो उस समय पति-पत्नी को एक-दूसरे के नजदीक नहीं जाना चाहिए। ऐसा करना महापाप माना गया है। इससे लाइफ में अनेक परेशानियां आ सकती हैं।
जब सूर्य एक से दूसरी राशि में जाता है तो इसे संक्रांति कहते हैं। साल में 12 संक्रांति होती है। इन तिथियों पर स्नान-दान का महत्व है, इसलिए संक्रांति पर भी ब्रह्मचर्य का पालन करें।
पति या पत्नी में से जब भी कोई व्रत करे तो उस दिन एक-दूसरे से अलग ही रहना चाहिए। व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन जरूरी माना गया है। इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है।