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Chaitra Navratri: वो कौन-सी सब्जी है, जिसे महिलाएं नहीं काट सकतीं?

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सात्विक बलि देने की परंपरा

इन दिनों चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है। इन पर्व के दौरान कुछ स्थानों पर देवी को पशु बलि दी जाती है, वही कुछ मंदिरों में सात्विक बलि देने की परंपरा है। जानें क्या है सात्विक बलि…

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क्या है सात्विक बलि?

सात्विक बलि में एक खास सब्जी का उपयोग होता है, जिसे काटकर देवी को चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि इस बलि से भी देवी मां प्रसन्न होती हैं और हर कामना पूरी करती हैं।

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किस सब्जी की देते हैं सात्विक बलि?

अनेक मंदिरों में सात्विक बलि के रूप में देवी को कद्दू जिसे कोहढ़ा भी कहते हैं, चढ़ाया जाता है। देवी को बलि रूप में चढ़ाने वाला कद्दू पीला न होकर भूरे रंग का होता है।

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पशु बलि के समान मिलता है फल

चैत्र नवरात्रि के दौरान जिन मंदिरों में पशु बलि देने की मनाही होती है, वहां देवी को कद्दू की बलि देने की परंपरा है। कद्दू की बलि पशु बलि के समान ही फल देने वाली मानी गई है।

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इसलिए महिलाएं नहीं काटती कद्दू?

मान्यताओं के अनुसार, बलि देने का कार्य पुरुष ही कर सकते हैं, महिलाएं नहीं। इसलिए कद्दू कभी भी महिलाएं नहीं काटती, क्योंकि ऐसा करना बलि देने जैसा माना गया है।

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देवी कूष्मांडा को प्रिय है कद्दू

देवी पुराण के पुराण नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की पूजा विशेष रूप से की जाती है। देवी कूष्मांडा को कद्दू की बलि देने से हर परेशानी दूर हो सकती है, ऐसी मान्यता है।

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