चैत्र नवरात्रि 2025 की अष्टमी 5 अप्रैल, शनिवार को, जबकि नवमी 6 अप्रैल रविवार को है। इन दोनों दिनों में कन्या पूजना का विशेष महत्व है। वहीं नवमी को रामनवमी के रूप में भी मनाते हैं।
चैत्र नवरात्रि में लोग भक्ति भाव से मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करते हैं। चैत्र नवरात्रि 2025 पर जानिए मां दुर्गा से जुड़ी 5 बातें जो हर भक्त को जरूर जाननी चाहिए।
मां दुर्गा भगवान शिव की शक्तिस्वरूपा हैं। जहां शिव ध्यान और तटस्थता के प्रतीक हैं, वहीं दुर्गा ऊर्जा और रचनात्मक शक्ति की मिसाल। दोनों मिलकर सृष्टि को संतुलन देते हैं।
मां दुर्गा के 8 भुजाएं केवल शस्त्र नहीं दिखाते। हर हथियार एक बुराई से लड़ने का प्रतीक है। कहीं अहंकार, कहीं आलस्य, कहीं भय। ये संकेत है कि मां हर दिशा से भक्तों की रक्षा करती हैं।
मां दुर्गा की सवारी चाहे शेर हो या बाघ, उसका संदेश एक ही है। डर से बड़ा है साहस। जब मां साथ हों, तो कोई भी निडर होकर जीवन की लड़ाइयों का सामना कर सकता है।
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर रूप चाहे शैलपुत्री हों या सिद्धिदात्री, जीवन के किसी न किसी पहलू को दर्शाता है, जो हमें बेहतर इंसान बनने की सीख देता है।
मां दुर्गा के त्रिनेत्र में गहरा रहस्य है। एक आंख से वो प्रेम-शांति बरसाती हैं, दूसरी से ऊर्जा- प्रेरणा और तीसरी आंख से बुराई का विनाश करती हैं। जो संतुलन-आत्मबल का पाठ पढ़ाती है।