महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म आता है। इन 3 दिनों में महिलाएं पूजा नहीं करती और किचन में प्रवेश नहीं कर पातीं। मासिक धर्म को लेकर महिलाओं के लिए कईं नियम हैं।
जब एक महिला ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि ‘तीर्थ यात्रा के दौरान यदि किसी महिला को मासिक धर्म हो जाए तो उस समय उसे देव प्रतिमा के दर्शन करने चाहिए या नहीं?
महिला की बात सुनकर प्रेमानंद महाराज ने कहा ‘मासिक धर्म के दौरान देव प्रतिमा के दर्शन करने में कुछ गलत नहीं है। मासिक धर्म एक स्वभाविक प्रक्रिया है, ये निंदनीय नहीं है।’
प्रेमानंद महाराज ने बताया ‘प्राचीन समय में देवताओं के राजा इंद्र से ब्रह्महत्या हो गई थी। ब्रह्महत्या के पाप को 4 भागों में विभाजित कर महिलाओं, नदी, भूमि और पेड़ में बांट दिया गया।’
प्रेमानंद महाराज ने कहा ‘नदी के पानी से निकलने वाला झाग, पेड़ से निकलने वाला गोंद और उबड़-खावड़ यानी बंजर भूमि इसी पाप के अंश के रूप में हमें दिखाई देती है।
प्रेमानंद महाराज ने कहा ‘ब्रह्महत्या का चौथा अंश महिलाओं ने अपने ऊपर लिया था, इसी के परिणाम स्वरूप हर महीने मासिक धर्म आता है। इसलिए ये किसी भी तरह से निंदनीय नहीं है।’