Spiritual
आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में 4 ऐसे हालातों के बारे में बताया है, जिसमें यदि कोई फंस जाएं तो उसे तुरंत वहां से भाग निकलना चाहिए। जानें इन 4 हालातों के बारे में…
उपसर्गेऽन्यचक्रे च दुर्भिक्षे च भयावहे।
असाधुजनसंपर्के य: पलायति स जीवति।।
अर्थ- उपद्रव, आक्रमण, अकाल और दुष्ट व्यक्ति सामने हो तो तुरंत वहां से निकल जाना चाहिए।
उपद्रव यानी ऐसी जगह जहां मारपीट या दंगा हो रहा है। ऐसे स्थान पर खड़े रहने से आप भी मुसीबत में फंस सकते हैं। इसलिए ऐसे हालात में तुंरत वहां से भाग निकलना चाहिए।
चाणक्य नीति के अनुसार कोई दुश्मन अचानक पूरी ताकत से हम पर हमला कर दे तो वहां से जान बचाकर भागने में भलाई है, क्योंकि इस स्थिति में उसका मुकाबला नहीं कर सकते।
आप जिस स्थान पर रह रहे हों और वहां खाने-पीने की चीजों का अकाल पड़ जाए तो उस जगह को तुरंत छोड़ देना चाहिए, क्योंकि ऐसी जगह ज्यादा दिन जीवित रह पाना संभव नहीं है।
अगर कोई अपराधी सामने जाए, चाहे वो आपको मित्र ही क्यों न हो, उसके पास से निकल जाने में भी भलाई है। ऐसे लोगों के साथ खड़े होने से भी आप परेशानी में फंस सकते हैं।