आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक थे। उन्होंने ही एक साधारण बालक चंद्रगुप्त मौर्य को अखंड भारत का सम्राट बनाया था। उनकी बताई नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं।
आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि मनुष्यों को कुत्ते से कौन-से 4 काम सीखने चाहिए। ये 4 काम हर व्यक्ति को कभी न कभी जरूर काम आते हैं। जानें कौन-से हैं ये 4 काम…
आचार्य चाणक्य के अनुसार, कुत्तों में ज्यादा भोजन करने की शक्ति होती है, लेकिन इसके बाद ही वे कम भोजन में ही संतुष्ट हो जाते हैं। यह गुण मनुष्यों में भी होना चाहिए।
कुत्ता यदि बहुत गहरी नींद में भी सोया तो भी वह बहुत धीमी आवाज पर भी तुरंत उठ जाता है। मनुष्यों के ये गुण कुत्ते से सीखना चाहिए कि जरा-से खटके पर ही जाग जाना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, रक्षक का अर्थ है माता-पिता और जिस व्यक्ति से उसे रोजगार मिला हो। इन लोगों के प्रति कभी कभी बुरे विचार मन में न लाए और उनकी सेवा में लगा रहे।
कुत्ता कभी किसी से डरता नहीं चाहे कितनी भी विपरीत स्थिति क्यों न हो। ऐसा ही गुण इंसानों में भी होना चाहिए। विपरीत परिस्थिति में हमेशा सूझ-बूझ और पराक्रम दिखाना चाहिए।