माघ शुक्ल पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इस बार वसंत पंचमी का पर्व विशेष है, जानें इससे जुड़ी खास बातें…
पंचांग के अनुसार, इस बार पंचमी का पर्व 14 फरवरी, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने से वाणी, बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है, ऐसा ग्रंथों में लिखा है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 14 फरवरी को ग्रह-नक्षत्रों के संयोग से शुक्ल और शुक्ल नाम के शुभ 2 योग दिन भर रहेंगे, जिससे इस पर्व का महत्व बढ़ गया है।
14 फरवरी की सुबह 10.43 तक चंद्रमा मीन राशि में गुरु के साथ युति करेगा। चंद्रमा और गुरु की युति से गजकेसरी नाम का शुभ योग बनेगा। इस योग में की गई पूजा बहुत शुभ होती है।
14 फरवरी को सूर्य और बुध मकर राशि में युति करेंगे, जिससे बुधादित्य नाम का राजयोग बनेगा। ये योग में जो भी शुभ कार्य किया जाता है, उसका कईं गुना फल प्राप्त होता है।
14 फरवरी, बुधवार को सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07:01 से दोपहर 12:35 तक रहेगा। यानी इस दिन पूजा के लिए भक्तों को कुल 05 घंटे 35 मिनट का समय मिलेगा।