आचाय चाणक्य की नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने अपनी एक नीति में बताया है कि किस स्थिति में स्त्री-पुरुष जल्दी बूढ़े हो जाते हैं। जानें क्या लिखा है इस नीति में…
अध्वा जरा मनुष्याणां वाजिनां बन्धनं जरा।
अमैथुनं जरा स्त्रीणां वस्त्राणाम् आतपो जरा।।
मनुष्यों के लिए पैदल चलना और यात्रा में रहना, घोड़ों को बाँधकर रखना, स्त्रियों के लिए असम्भोग (मैथुन न करना) और वस्त्रों के लिए धूप जरा (बुढ़ापा) लाने का कारण है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जवान स्त्रियों से यदि संभोग न किया जाए तो वे जल्दी बूढ़ी हो जाती हैं। इसका कारण है कि संभोग न होने पर उनका शरीर समय से पहले ढल जाता है।
चाणक्य नीति के अनुसार, जो पुरुष अधिक पैदल चलता है और अधिकांश समय यात्रा में रहता है वह जल्दी बूढ़ा हो जाता है। यानी वह अपना जीवन और शक्ति इन कामों बर्बाद कर देता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिन घोड़ों को अधिक समय तक बांधकर रखा जाता है वो भी जल्दी बूढ़े हो जाते हैं। क्योंकि उनका मुख्य काम है दौड़ना। ये काम न करने से वे बूढ़े हो जाते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिन कपड़ों को अधिक समय तक धूप में सुखाया जाता है तो वे भी जल्दी बूढ़े हो जाते हैं यानी फट जाते हैं। कपड़ों के लिए कड़क धूप हानिकारक होती है।