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किस पर भरोसा करें और किस पर नहीं? जानें चाणक्य की इन 4 बातों से

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किस पर करें भरोसा?

आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले उसे 4 कसौटियों पर परखना चाहिए। इसके बाद ही उस पर विश्वास करना चाहिए। जानें कौन-सी है वो 4 कसौटी…

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चाणक्य नीति का श्लोक

यथा चतुर्भि: कनकं परीक्ष्यते निघर्षणं छेदनतापताडनै:।
तथा चतुर्भि: पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।

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ये है श्लोक का अर्थ

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस तरह घिसने, काटने, तापने, और पीटने इन चारों तरीकों से सोने की परख होती है, उसी तरह त्याग, शील, गुण, और कर्मों से व्यक्ति की परीक्षा होती है।

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व्यक्ति की त्याग भावना देखें

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति दूसरों के सुख के लिए अपने सुखों का त्याग करे उस पर भरोसा किया जा सकता है। ऐसे लोग दूसरों की खुशियों को अपने सुख से ज्यादा मानते हैं।

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व्यवहार में खरा हो

शील का अर्थ है व्यवहारिक ज्ञान और पवित्रता। यानी जो आदमी हर तरह से व्यवहार में निपुण हो और पवित्र आचरण करता हो, उस पर आंख मूंदकर विश्वास किया जा सकता है।

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गुणों में भी अव्वल हो

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिन लोगों में क्रोध, आलस्य, स्वार्थ और घमंड जैसे अवगुण न हो, उन पर भरोसा किया जा सकता है। जो सच का साथ देता हो उस पर ही विश्वास करना चाहिए।

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जो मेहनती और ईमानदार हो

जो व्यक्ति मेहनत और ईमानदारी से काम करते हुए अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण करता है, कोई गलत काम नहीं करता। उस पर विश्वास किया जा सकता है।

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